NCERT Science Class 10 Chapter 5 Biological Process In Hindi

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यहां कक्षा 10 की एनसीईआरटी विज्ञान पुस्तक के अध्याय-5: जैव प्रक्रम विस्तृत नोट्स के माध्यम से समझाने का प्रयास किया हूँ उम्मीद करता हूँ आपको ये नोट्स काफी पसंद आएगी । अगर आप गणित कक्षा 10 की तैयारी करना चाहते हैं तो आप हमारे Youtube Channel Unlock Study पर जाकर कर सकते हैं।

NCERT Science Class 10 Chapter 5 Biological Process In Hindi

अध्याय-5: जैव प्रक्रम

परिचय:- जीवों के अंदर घटित होने वाली वे सभी क्रियाएं जिनसे उनका जीवन चलता है, उन्हें जीवन प्रक्रियाएं कहा जाता है। ये क्रियाएं जीव के पोषण, परिवहन, श्वसन और उत्सर्जन से जुड़ी होती हैं।

1. जीवन की मूलभूत प्रक्रियाएं

जीवों में मुख्य जीवन प्रक्रियाएं होती हैं:

पोषण (Nutrition)

श्वसन (Respiration)

परिवहन (Transportation)

उत्सर्जन (Excretion)

इन प्रक्रियाओं के माध्यम से जीव ऊर्जा प्राप्त करता है, पोषक तत्वों का उपयोग करता है और अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालता है।

1. पोषण (Nutrition):- पोषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा जीव ऊर्जा और वृद्धि के लिए आवश्यक भोजन प्राप्त करता है।

पोषण के प्रकार:

1. स्वपोषी पोषण (Autotrophic Nutrition):

वे जीव जो स्वयं अपना भोजन बनाते हैं, जैसे कि पौधे।

प्रक्रिया: प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis)

कार्बन डाइऑक्साइड + जल + सूर्य का प्रकाश → ग्लूकोज + ऑक्सीजन

प्रकाश संश्लेषण की अवस्थाएं:

प्रकाशीय अभिक्रिया (Light Reaction): इसमें प्रकाश ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में बदला जाता है।

अंध क्रिया (Dark Reaction): इसमें कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग कर ग्लूकोज का निर्माण होता है।

2. परपोषी पोषण (Heterotrophic Nutrition):

वे जीव जो भोजन स्वयं नहीं बना सकते, जैसे कि मनुष्य और जानवर।

प्रकार:

परभक्षी (Holozoic): भोजन को निगलकर पचाना (जैसे: मानव)।

अपघटक (Saprotrophic): मृत जीवों से पोषण लेना (जैसे: फफूंदी)।

परजीवी (Parasitic): दूसरे जीव पर निर्भर रहना (जैसे: जूं, अमरबेल)।

मानव पाचन तंत्र (Human Digestive System)

मुख्य अंग:

1. मुख (Mouth): भोजन का चबाना, लार द्वारा अमाइलाज एंजाइम के साथ स्टार्च का पाचन।

2. ग्रसनी और ग्रासनली (Pharynx & Esophagus): भोजन को पेट तक पहुँचाना।

3. आमाशय (Stomach): प्रोटीन का पाचन, HCl और पेप्सिन का स्राव।

4. छोटी आंत (Small Intestine): अधिकांश पाचन और पोषक तत्वों का अवशोषण।

5. यकृत (Liver): पित्त रस (bile juice) बनाता है जो वसा को पचाने में सहायक होता है।

6. अग्न्याशय (Pancreas): पाचक एंजाइम जैसे ट्रिप्सिन, लाइपेस आदि स्रावित करता है।

7. बड़ी आंत (Large Intestine): जल का अवशोषण और मल निर्माण।

श्वसन (Respiration):- श्वसन वह प्रक्रिया है जिसमें जीव ग्लूकोज को तोड़कर ऊर्जा प्राप्त करता है।

श्वसन के प्रकार:

1. एरोबिक श्वसन (Aerobic Respiration):

ऑक्सीजन की उपस्थिति में होता है।

ग्लूकोज + O₂ → CO₂ + जल + ऊर्जा (ATP)

2. अनेरोबिक श्वसन (Anaerobic Respiration):

ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में।

उदाहरण: यीस्ट में अल्कोहल का निर्माण।

मानव में श्वसन तंत्र के अंग:

1. नाक (Nose): वायु का प्रवेश।

2. स्वरतंत्र (Larynx): वाणी निर्माण।

3. श्वासनली (Trachea): वायु को फेफड़ों तक पहुंचाती है।

4. फेफड़े (Lungs): गैसों का आदान-प्रदान।

4. परिवहन (Transportation)

पौधों में परिवहन:

जाइलम (Xylem): जड़ से पत्तियों तक पानी और खनिज ले जाता है।

फ्लोएम (Phloem): पत्तियों से भोजन को अन्य भागों तक पहुंचाता है।

मानव में परिवहन तंत्र:

1. रक्त (Blood):

घटक: RBC, WBC, प्लेटलेट्स, प्लाज्मा।

कार्य: ऑक्सीजन, पोषक तत्व, हार्मोन का परिवहन।

2. हृदय (Heart):

चार कक्ष: दो अलिंद (Atria), दो निलय (Ventricles)।

द्विगुणित परिसंचरण (Double Circulation): रक्त दो बार हृदय से गुजरता है।

3. रक्त वाहिकाएं (Blood Vessels):

धमनी (Artery): रक्त हृदय से दूर ले जाती है।

शिरा (Vein): रक्त हृदय की ओर लाती है।

केशिकाएं (Capillaries): पदार्थों का आदान-प्रदान।

4. लसीका तंत्र (Lymph System):

टिशू फ्लुइड का संचार और रोग प्रतिरोधक कार्य करता है।

5. उत्सर्जन (Excretion):- शरीर में उत्पन्न हानिकारक अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने की प्रक्रिया।

मानव उत्सर्जन तंत्र:

1. गुर्दे (Kidneys): रक्त से यूरिया छानते हैं और मूत्र बनाते हैं।

2. मूत्रवाहिनी (Ureter): मूत्र को मूत्राशय तक ले जाती है।

3. मूत्राशय (Urinary Bladder): मूत्र संग्रह करता है।

4. मूत्रमार्ग (Urethra): मूत्र को शरीर से बाहर निकालता है।

गुर्दे की इकाई:

नैफ्रॉन (Nephron): रक्त से अपशिष्ट छानने की मूल इकाई।

पौधों में उत्सर्जन:

अवशिष्ट गैसों को स्टोमाटा द्वारा बाहर निकालते हैं।

कुछ अपशिष्ट पत्तियों में एकत्र होकर पतन (leaf fall) के साथ बाहर निकलते हैं।

गोंद और रेजिन जैसे पदार्थों के रूप में अपशिष्ट एकत्रित करते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion):

जीवन प्रक्रियाएं जीवों के लिए अत्यंत आवश्यक होती हैं। ये प्रक्रियाएं जीवों को ऊर्जा देती हैं, पोषक तत्वों का वितरण करती हैं और शरीर को विषैले अपशिष्ट से मुक्त रखती हैं। यदि इनमें से कोई भी प्रक्रिया रुक जाए, तो जीवन संभव नहीं रहेगा।