दही वाला मंगम्मा (Dahi Wali Mangamma)।पाठ -1 ।वर्णिका भाग-2 (पूरक पुस्तक)
दोस्तों बिहार बोर्ड परीक्षा कक्षा 10 का पाठ -1 दही वाला मंगम्मा (Dahi Wali Mangamma) परीक्षा के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण पाठ हैं अगर आप हिन्दी का परीक्षा देने जा रहे हो और इस पाठ से प्रश्न नहीं आए ऐसा हो ही नहीं सकता। प्रत्येक साल वर्णिका भाग-2 से लगभग 10 नंबर का प्रश्न पूछा जाता हैं तो इस पोस्ट में मैं आपलोगों को पाठ -1 दही वाला मंगम्मा सारांश के साथ प्रश्न-उत्तर भी कराऊंगा जो सीधा आपके परीक्षा में पूछा जाएगा। अगर आप गणित विषय की तैयारी करना चाहते हैं तो आप हमारे Youtube Channel Unlock Study पर जाकर कर सकते हैं ।
Dahi Wali Mangamma
लेखक परिचय:- श्रीनिवास जी का पूरा नाम मास्ती वेंकटेश अय्यंगार है। उनको जन्म 6 जून 1891 ई० में कोलार, कर्नाटक में हुआ था। श्रीनिवास जी का देहावसान हो चुका है। वे कन्नड़ साहित्य के सर्वाधिक प्रतिष्ठित रचनाकारों में एक हैं। उन्होंने कविता, नाटक, आलोचना, जीवन-चरित्र आदि साहित्य की प्रायः सभी विधाओं में उल्लेखनीय योगदान दिया। साहित्य अकादमी ने उनके कहानी संकलन ‘सण्णा कथेगुलु’ को सन् 1968 में पुरस्कृत किया। उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। यह कहानी ‘कन्नड़ कहानियाँ’ (नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया) से साभार ली गयी है। इस कहानी का अनुवाद बी० आर० नारायण ने किया है।
सारांश :- प्रस्तुत कहानी कन्नड़ कहानियाँ (नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया) से साभार ली गयी हैं इस कहानी का अनुवाद बी. आर. नारायण ने किया है। इस कहानी का प्रमुख केन्द्रीय चरित्र मगम्मा और द्वितीय चरित्र लेखक की माँ है। मंगम्मा पतिव्रता है। घर के अन्तर्कहल से दुःखी होकर वह जीवनयापन करने के लिए दही बेचती है। वह गाँव से शहर जाती है और दही बेचकर कुछ पैसे संचय करती है।
संसार में यह सत्य है कि सास और बहू में स्वतंत्रता की होड़ लगी रहती है। माँ बेटे पर से अपना हक नहीं छोड़ती और बहू पति पर अधिकार जमाना चाहती है। पोते की पिटाई से क्षुब्ध मंगम्मा अपनी बहू को भला-बुरा कह देती है सास और बहू का विवाद घर में अन्तर्कहल को जन्म देता है। बहू और बेटे मंगम्मा को अलग रहने के लिए विवश कर देते हैं।
दही बेंचकर किसी तरह जीवनयापन करनेवाली मंगम्मा कुछ पैसे इकट्ठा कर लेती है। जब बहू को यह ज्ञात हो जाता है कि उसकी सास रंगप्पा को कर्ज देनेवाली है तो वह अपने को बेटे को ढाल बनाती है। वह बेटे को दादी के पास ही रहने के लिए उकसाती है, धीरे-धीरे सास और बहू में संबंध सुधरता जाता है। एक दिन मंगम्मा स्वयं बहू को लेकर दही बेंचने के लिए जाती है। लोगों से अपनी बहू का परिचय देती है और कहती है कि अब दही उसकी बहू ही बेचने के लिए आयेगी ।
वस्तुतः इस कहानी के द्वारा यह सीख दी गई है कि पानी में खड़े बच्चे का पाँव खींचनेवाले मगरमच्छ की-सी दशा बहू की है और ऊपर से बाँह पकड़कर बचाने की-सी दशा माँ की होती है।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. मंगम्मा क्या बेचती थी?
(A) घी
(B) दही
(C) पनीर
(D) खोवा
(B) दही
2. ‘बी० आर नारायण’ ने किसी कहानी का अनुवाद किया है?
(A) ढहते विश्वास
(B) दही वाली मंगम्मा
(C) नगर
(D) मौ
(B) दही वाली मंगम्मा
3. श्रीनिवास जी का जन्म कहाँ हुआ था?
(A) मयूरभंज, उड़ीसा
(B) कोलार, कर्नाटक
(C) अमृतवेल, गुजरात
(D) अजेरी, राजस्थान
(B) कोलार, कर्नाटक
4. ‘दही वाली मंगम्मा’ पाठ के लेखक हैं
(A) श्रीनिवास
(B) साँवर दड्या
(C) सुनाता
(D) इनमें से कोई नहीं
(A) श्रीनिवास
5. मंगम्पा को किससे विवाद था?
(A) बेटे से
(B) बहू से
(C) पोते से
(D) सास से
(B) बहू से
6. रंगप्पा था ?
(A) जुआरी
(B) व्यापारी
(C) वकील
(D) किसान
(A) जुआरी
7. मंगम्मा किस भाषा की कहानी है?
(A) तेलगू
(B) उड़िया
(C) हिंदी
(D) कन्नड़
(D) कन्नड़
8. अमराई का कुआँ कहाँ है?
(A) शहर में
(B) बाजार में
(C) रास्ते में
(D) रंगप्पा के खेत में
(C) रास्ते में
9. “क्यों री राक्षसी इस छोटे से बच्चे को क्यों पीट रही है?” किसने कहा?
(A) मंगम्मा ने
(C) लक्ष्मी ने
(B) पप्पाति ने
(D) सीता ने
(A) मंगम्मा ने
10. ‘नंजम्मा’ मंगम्मा की कौन थी?
(A) बेटी
(B) मौसी
(C) बहू
(D) सौतीन
(C) बहू
11. मंगम्मा कहाँ की रहने वाली है?
(A) अवलूर के पास किन्सी गाँव की
(B) सातूर के पास विन्सरी गाँव की
(C) जालौन के पास किसी गाँव की
(D) नागौर के पास किसी गाँव की
(A) अवलूर के पास किन्सी गाँव की
12. मंगम्मा मिठाई किसके लिए ले जा रही थी?
(A) पोता के लिए
(C) भौंजी के लिए
(B) पोती के लिए
(D) बहू के लिए
(A) पोता के लिए
13. ‘दही वाली मंगम्मा’ शीर्षक पाठ में बहु ने सास से समझौता क्यों कर लिया ?
(A) डर से
(B) प्रेम से
(C) मजबूरी से
(D) शौक से
(C) मजबूरी से
14. ‘दही वाली मंगम्मा’ किस भाषा से अनूदित कहानी है?
(A) कन्नड़
(B) संस्कृत
(C) अंग्रेजी
(D) उड़िया
(A) कन्नड़
15. मंगम्मा को किसके साथ विवाद था?
(A) पोते के साथ
(B) नंजम्मा के साथ
(C) मालकिन के साथ
(D) पड़ोसी के साथ
(B) नंजम्मा के साथ
16. ‘लड़का अगर कुछ उधम करता है तो उसे मना करने का हक मुझे नहीं?’-यह किसने कहा ?
(A) मंगम्मा
(B) मंगम्मा का बेटा
(C) नंजम्मा
(D) रंगप्पा
(C) नंजम्मा
17. मंगम्मा की बहु का क्या नाम है?
(A) नजम्मा
(B) रंगम्मा
(C) गंगम्मा
(D) संगम्मा
(A) नजम्मा
18. ‘दही वाली मंगम्मा’ शीर्षक कहानी में, रास्ते में क्या है?
(A) अमराई का कुआँ
(B) आम का बागीचा
(C) खेल का मैदान
(D) मंदिर
(A) अमराई का कुआँ
19. माँ जी के पास आँगन में बैठकर मंगम्मा क्या खाती थी?
(A) दही
(B) मिठाई
(C) पान-सुपारी
(D) रोटी-सब्जी
(C) पान-सुपारी
20. ‘दही वाली मंगम्मा’ शीर्षक कहानी किस कहानी से साभार ली गयी है?
(A) ‘गुजराती कहानियाँ’ से
(C) ‘उड़िया कहानियाँ’ से
(B) ‘तमिल कहानियाँ’ से
(D) ‘कन्नड़ कहानियाँ से
(D) ‘कन्नड़ कहानियाँ से
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. ‘दही वाली मंगम्मा’ कहानी का कथा वाचक कौन है? उसका परिचय दीजिए।
‘दही वाली मंगम्मा’ कहानी का कथा वाचक श्रीनिवास जी हैं, जिनका पूरा नाम मास्ती वेंकटेश अय्यंगार है। वे एक प्रसिद्ध कन्नड़ लेखक हैं, जिन्होंने ग्रामीण जीवन और संस्कृति को अपनी रचनाओं में जीवंतता से प्रस्तुत किया है। उनकी कहानियाँ आम जीवन की समस्याओं और मानवीय भावनाओं को दर्शाती हैं।
2. मंगम्मा का चरित्र-चित्रण कीजिए ।
उत्तर-मंगम्मा प्रस्तुत कहानी का प्रमुख केन्द्रीय चरित्र है। कहानी की कथावस्तु इसके ईर्द-गिर्द ही घूमती रहती है। मंगम्मा अपने छोटे-से परिवार की स्वामिनी है। वह वात्सल्यमयी है। वह अपने पोते को बहुत प्यार करती है। वह पतिंत्यक्ता है। उसमें जीवन के प्रति एक प्रकार की ऊब भी है और एक प्रकार का आकर्षण भी। उसमें लोकजीवन के सारे संस्कार वर्तमान हैं। उसमें अपने परिवार के प्रति अतिशय लगाव है। वह स्वाभिमानिनी है। अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए ही वह अपने बहू-बेटा से अलग हो जाती है।
पति से विरक्त रहनेवाली मंगम्मा शायद कभी ऐसी नहीं सोची होगी कि उसका बेटा पत्नी के दबाव में आकर उसे छोड़ सकता है। पत्नी का श्रृंगार पति है। मंगम्मा और उसका बहू इस तथ्य को भलीभाँति समझती है। मंगम्मा दही बेचकर अपना जीवन-यापन करती है। दही लेकर अपने गाँव से शहर जाती है और उसे बेचकर जो आमदनी होती है उसी में वह कुछ संचय करती है। वह जानती है कि पैसा ही उसकी अपनी जमा-पूँजी है। वह भोली-भाली और सहृदय नारी है। अपने पोते के प्रति उसका अधिक झुकाव ही वस्तुतः मानव मूलधन से कहीं अधिक ब्याज पर जोर देता है। वह अपना सतीत्व बचाये रखना चाहती है। रंगप्पा द्वारा बार-बार उसका पीछे करने पर भी वह अपने कर्मपथ से विचलित नहीं होती है। पति का अभाव उसे सदा खटकता है किन्तु पति के प्रति श्लेष मात्र भी क्षोभ नहीं है। मंगम्मा सम्पूर्ण भारतीय नारी का प्रतिनिधित्व करती हैं।
3. मंगम्मा का अपनी बहू के साथ किस बात को लेकर विवाद था ?
उत्तर-संसार का सत्य है कि सास और बहू में स्वतंत्रता की होड़ लगी रहती है। माँ बेटे पर से अपना हक नहीं छोड़ना चाहती और बहू पति पर अधिकार जमाना चाहती है। बहू ने किसी बात को लेकर अपने बेटे को खूब पीटा। मंगम्मा अपने पोते कि पिटाई से क्षुब्ध होकर बहू को भला-बुरा कह दिया। बेटे पर अधिकार से लेकर मंगम्मा और उसकी बहू में विवाद था ।
4. रंगप्पा कौन था और वह मंगम्मा से क्या चाहता था ?
उत्तर- रंगप्पा, मंगम्मा के गाँव का एक बदमाश व्यक्ति है। वह शौकीन तबियत वाला व्यक्ति था। वह कभी-कभी जुआ भी खेलता है। वही भली-भाँति जानता था कि मंगम्मा अपने बहू-बेटे से अलग रहती है और इसके पास पैसे रहते हैं। माँ बेटे के अन्तर्कलह का वह लाभ उठाना चाहता था । रंगम्मा हमेशा मंगम्मा के पीछे पड़ा रहता है औरवह मंगम्मा से कर्ज लेना चाहता था।
5. मंगम्मा ने अपना ‘धरम’ नहीं छोड़ा, कैसे?
मंगम्मा अपने छोटे-से परिवार की स्वामिनी है। वह वात्सल्यमयी है। वह अपने पोते को बहुत प्यार करती है। वह पतित्यक्ता है। उसमें लोकजीवन के सारे संस्कार वर्तमान हैं। वह स्वाभिमानी है। इसलिए मंगम्मा ने अपना धर्म नहीं छोड़ा।
6. बहू ने सास को मनाने के लिए कौन-सा तरीका अपनाया ?
उत्तर-जब बहू को रंगप्पा के द्वारा ज्ञात हुआ कि उसकी सांस ने रंगप्पा को कर्ज देने की स्वीकृति प्रदान की है तब उसने बेटे को ढाल बनाकर पैसे लेने की तरकीब सोचने लगी। वह जानती है कि उसकी सास अपने पोते से बहुत प्यार करती है। अंतः, उसने अपने बेटे को दादी के पास ही रहने के लिए भेज दिया ।
7. मंगम्मा की बहु ने विवाद निपटाने में पहल क्यों की?
रंगप्पा गाँव का लम्पट बदमाश था। जिसे सास-बहु के झगड़े के बारे में पता था रंगप्पा, बार-बार उधार माँगता था। गंगम्मा पैसे देने को तैयार हो गई थी। इस बात की जानकारी मंगम्मा के बहु को हो जाती है। उसे लगता है कि झगड़े के कारण पता नहीं सारे पैसे किसे दे डाले। इसलिए मंगम्मा की बहु ने विवाद निपटाने की पहल की।
8. बहु ने सास को मनाने के लिए कौन-सा तरीका अपनाया?
बहू ने सास को मनाने के लिए अपने बच्चे को माध्यम बनाया। उसने अपने बच्चे को सिखाया कि तू अपनी दादी के पास चला जा, वह मिठाई देती है। बच्चा दादी के पास चला गया। दादी पोते को पाकर निहाल हो उठी। धीरे-धीरे सास-बहू के बीच की दूरी मिट गई।
9. मंगम्मा अपने बेटे-बहू से अलग क्यों हो गयी?
मंगमा अवलूर के समीप वेंकटपुर के रहनेवाली थी। रोज दही बेचने बेंगलूर आती थी। मंगम्मा का पति नहीं था। बेटा-बहू से गृह कलह के कारण अलग हो गई। प्रत्यक्ष में तो झगड़े का कारण पोते की पिटाई थी। किन्तु मूल रूप में सास-बहू की अधिकार सम्बन्धी ईर्ष्या थी।
10. इस कहानी की कथावाचक कौन है ? उसका परिचय दीजिए ।
उत्तर-इस कहानी की कथावाचक लेखक की माँ है। लेखक की माँ प्रस्तुत कहानी का द्वितीय केन्द्रीय चरित्र है। कहानी की कथावस्तु लेखक की माँ के द्वारा ताना-बाना बुना गया है। मंगम्मा जब दही बेचने के लिए आती है तो लेखक के घर आती है और बढ़िया दही कुछ-न-कुछ बेंच कर जाती है। धीरे-धीरे मंगम्मा और लेखक की माँ में घनिष्ठता बढ़ती चली गई। मंगम्मा अपने घर-गृहस्थी का सारा हाल सुनाती है और लेखक की माँ उसे कुछ-न-कुछ सुझाव देती है। सास और बहू के अन्तर्कहल से परिवार बिखर जाता है। बेटे को समस्त सुख अर्पित करनेवाली माँ बहू के आते ही बेटे से अलग हो जाती है। मंगम्मा के अन्तर्व्यथा को सुनकर लेखक की माँ का मन भी बोझिल हो जाता है। ममता की मूर्तिमान रहनेवाली नारी दुर्गा क्यों बन जाती है। इसका ज्वलंत उदाहरण लेखक की माँ को देखना-सुनना पड़ता है। जब काई एक-दूसरे को पसंद नहीं करता तब छोटी बातें भी बड़ी हो जाती हैं। मंगम्मा की बातें सुनते-सुनते लेखिका की माँ का हृदय द्रवित हो जाता है।
हिन्दी के लिए यहाँ click करें।