Sarswati Puja/बसंत पंचमी पर निबंध कैसे लिखें ?

Sarswati Puja/बसंत पंचमी पर निबंध कैसे लिखें ?

बसंत पंचमी पर निबंध कैसे लिखें:-भूमिका:- विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा अनादि काल से माघ महीने के शुक्ल पंचमी को होती रही है, यह विद्यार्थियों का त्यौहार है, लेकिन बच्चों के साथ बड़े बूढ़े भी अपना सहयोग देते हैं|

कुछ दिन पहले से ही बच्चों में पूरा खुशी का माहौल होता है इस महीने में न तो अधिक गर्मी पड़ती है और नहीं अधिक ठंड पड़ती है, मौसम खुशनुमा होता है पेड़ पौधों में पुराने पत्ते झड़ कर हरे पत्ते लग जाते हैं, और चारों तरफ बाग बगीचे की शोभा बढ़ाती है|

यह महीना जनवरी या फरवरी माह में आता है, इसलिए इस त्यौहार को वसंतोत्सव बसंत पंचमी या श्री पंचमी भी कहते हैं। इस दिन माता का पूजा करने से मां प्रसन्न होकर अपने भक्तों को ज्ञान विज्ञान संगीत कला आदि में निपुण होने का वर देती है|

यह दिन संगीत कला ज्ञान अर्जन इत्यादि का शुरुआत करने का भी उत्तम दिन माना जाता है|

मां सरस्वती को हंस वाहिनी विद्या पानी बाघ अधिष्ठात्री देवी अर्थात विद्या एवं बुद्धि का पर्याय माना गया है इनका वस्त्र उजला और धवल है जो सादगी एवं स्वच्छता का प्रतीक है|

इनका वाहन यानी सवारी हंस है जो दूध और पानी अलग कर देने का विवेक का परिचालक है इनके हाथ में पुस्तक होता है जो ज्ञान का प्रतीक है,

पूजा विधि:-बच्चे एकत्रित होकर सामूहिक रूप से पूजा अर्चना करते हैं|

विद्यालय महाविद्यालय लॉज छात्रावास मैं सरस्वती पूजन का आयोजन करते हैं इसके साथ ही गांव मोहल्लों में भी पूजा किया जाता है|

जगह-जगह माता का प्रतिमा स्थापित किया जाता है इनकी प्रतिमा 2 या 3 दिन के लिए स्थापित किया जाता है, इसके लिए सभी बच्चे शारीरिक और आर्थिक रूप से जो भी बन पड़े योगदान अवश्य करते हैं|

जिस जगह पर पूजा किया जाता है उस जगह को अच्छी तरह सफाई करके सजाते हैं आरती मां सरस्वती का पूजा अर्चना विधि पूर्वक करते हैं और मां सरस्वती से शिक्षा ज्ञान का वर मांगते हैं|

पूजा के बाद उपस्थित लोगों के बीच प्रसाद का वितरण किया जाता है, दिनभर प्रसाद वितरण चलता रहता है|

उस दिन रात में अलग-अलग जगह के हिसाब से नृत्य और नाटक का कार्यक्रम होता है जिसका आनंद लोग रात को लेते हैं इसके अगले दिन बड़े ही धूमधाम से गाने बाजे के साथ किसी नदी या साफ पोखर में प्रतिमा का विसर्जन किया होता है|

इस अवसर पर रंग गुलाल भी लगाया जाता है इससे बसंत का रंग भी कहा जाता है

महत्त्व:- सरस्वती पूजा का महत्व आप इसी से समझ सकते हैं कि मां सरस्वती ज्ञान की देवी है और ज्ञान ही सब कुछ है इसके बिना आदमी आंख रहते हुए भी कुछ देख नहीं सकता और मुंह रहते हुए भी कुछ बोल नहीं सकता|

जिस प्रकार पेड़ में फल लगने से पेड़ झुक जाता है उसी प्रकार ज्ञानी ज्ञान को पाकर भी विनर्म हो जाते हैं

उपसंहार:- मां सरस्वती ही इस संसार में सत्यम शिवम सुंदरम के रूप में सुख शांति और सौंदर्य का सृजन करती है मां सरस्वती का पूजा से लोगों में शुद्धता सादगी और अध्ययन का संकेत मिलता है|

Sarswati Puja/बसंत पंचमी पर निबंध

एकाग्र चित्त होकर पढ़ाई करने की प्रेरणा भी हमें इस पूजा से मिलती है इससे विद्यार्थियों में एकता की भावना भी उत्पन्न होती है|

तो दोस्तों इसी प्रकार आप भी Sarswati Puja/बसंत पंचमी पर निबंध पर निबंध लिख सकते हैं और परीक्षा में आच्छे नम्बर ला सकते हैं|

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